प्रो. कांचा इलैया शेफ़र्ड के पक्ष में

नयी दिल्ली: 2 अक्टूबर: दलित चिंतक प्रो. कांचा इलैया शेफ़र्ड ने पिछले एक हफ़्ते से अपने को हैदराबाद के अपने घर में बंद कर रखा है। कारण है, उनकी किताब ‘पोस्ट-हिन्दू इंडिया’ के एक अध्याय पर आर्य वैश्य समुदाय की … Continue reading

बीएचयू में छात्राओं पर दमन

नयी दिल्ली : 24 सितंबर : ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के जवाबी नारे ‘बचेगी बेटी तो पढ़ेगी बेटी’ के साथ सड़क पर उतरी बीएचयू की छात्राओं पर बर्बर लाठीचार्ज करवाकर बीएचयू प्रशासन, उत्तरप्रदेश सरकार और फ़ासीवादी आरएसएस ने अपने को … Continue reading

गौरी लंकेश की हत्या पर

Janvadi Lekhak Sangh India Facebook की दीवार से : गौरी लंकेश निडर और मुखर थीं, साथ ही अपनी आवाज़ को लोगों तक पहुंचाने का प्रबंध करने में कुशल भी. ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ को सरकारी या कॉर्पोरेट क्षेत्र के विज्ञापनों की … Continue reading

चंद्रकांत देवताले का निधन

नयी दिल्‍ली : 15 अगस्‍त : वरिष्ठ कवि श्री चंद्रकांत देवताले का निधन हिन्दी के लेखक-पाठक समाज को शोक-संतप्त कर देनेवाली ख़बर है. वे एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के पटपड़गंज स्थित एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां … Continue reading

राष्ट्रीय सम्मलेन

28.07.2017 को जलेस के केन्द्रीय कार्यालय में हुई कार्यकारी मंडल की बैठक में सभी साथी इस बात से सहमत हुए कि राष्ट्रीय सम्मलेन के लिए तय तारीखों को बदलना अपरिहार्य कारणों से आवश्यक है. बदलाव के लिए हमने झारखंड के … Continue reading

जलेस केन्द्रीय कार्यकारिणी एवं केन्द्रीय परिषद्

जलेस केन्द्रीय कार्यकारिणी एवं केन्द्रीय परिषद् की बैठक : 30.04.2017 महासचिव की रिपोर्ट पिछले राष्ट्रीय सम्मलेन के बाद से यह हमारी केन्द्रीय कार्यकारिणी की चौथी और केन्द्रीय परिषद् की पहली बैठक है. बैठकों की संख्या इससे अधिक होनी चाहिए थी, … Continue reading

संस्कृति मंत्रालय के फैसले के विरोध में

नयी दिल्ली : 9 मई: संस्कृति मंत्रालय ने अपने अधीन 30 से अधिक स्वायत्त संस्थाओं को दी जानेवाली निधि में भारी कटौती करने का फैसला किया है। ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ में 5 मई को छपी आशुतोष भारद्वाज के रिपोर्ट के … Continue reading

मुक्तिबोध पर एक परिसंवाद

मुक्तिबोध पर एक परिसंवाद की रपट हमारे समय के अंधेरे में बजरंग बिहारी जनवादी लेखक संघ और राजेंद्र प्रसाद अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार दिनांक 29 अप्रैल, 2017 को आइटीओ के निकट राजेंद्र प्रसाद भवन, नई दिल्ली में मुक्तिबोध … Continue reading

असहिष्णुता चालू है

जलेस की फे़सबुक से एक पोस्ट ‘मुझे अपनी फ़िक्र नहीं. बुनियादपरस्ती से लड़ने का एकमात्र तरीक़ा यही है कि ज़्यादा-से-ज़्यादा लिखा जाए और अधिक रैलियाँ की जायें।‘ ये शब्द हैं बांग्ला कवयित्री मंदाक्रांता सेन के, जिन्हें हिन्दुत्ववादियों ने फे़सबुक पर … Continue reading

डॉ. धर्मवीर के निधन पर

नयी दिल्‍ली : 10 मार्च : डॉ. धर्मवीर का असामयिक निधन हिन्दी साहित्य और दलित आन्दोलन के लिए एक बड़ी क्षति है. वे कैंसर से पीड़ित थे. एक बार स्वास्थ्य-लाभ कर चुकने के बाद दुबारा कैंसर के हमले को उनका … Continue reading