लेडीज़ क्लब : एक समस्या उपन्यास -चंचल चौहान

जब मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. कर रहा था तो पहली बार ‘समस्या नाटक’ जैसी नयी श्रेणी से परिचय हुआ। बाद में मैंने जब हिंदी में एम. ए. किया तो उपन्यास की आलोचना में ‘आंचलिक उपन्यास’ … Continue reading

असगर वजाहत की डायरी ‘पाकिस्तान का मतलब क्‍या….’ पर आलेख – हरियश राय

अगसर वजाहत को पढ़ना अपने आप में एक सुखद अनुभव का एहसास कराता है. उनके लेखन मुस्लिम समाज के अंतर्विरोधों को पर्त दर पर्त समझने एक नई आधारभूमि देता है . मुस्लिम समाज में आए अंतर्विरोधों को वे भारतीय सामंती … Continue reading