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जब मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. कर रहा था तो पहली बार ‘समस्या नाटक’ जैसी नयी श्रेणी से परिचय हुआ। बाद में मैंने जब हिंदी में एम. ए. किया तो उपन्यास की आलोचना में ‘आंचलिक उपन्यास’ … Continue reading
जब मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. कर रहा था तो पहली बार ‘समस्या नाटक’ जैसी नयी श्रेणी से परिचय हुआ। बाद में मैंने जब हिंदी में एम. ए. किया तो उपन्यास की आलोचना में ‘आंचलिक उपन्यास’ … Continue reading
अगसर वजाहत को पढ़ना अपने आप में एक सुखद अनुभव का एहसास कराता है. उनके लेखन मुस्लिम समाज के अंतर्विरोधों को पर्त दर पर्त समझने एक नई आधारभूमि देता है . मुस्लिम समाज में आए अंतर्विरोधों को वे भारतीय सामंती … Continue reading